"नवोदय" उस सूर्योदय जैसा है जो अन्धकार में डूबे हुये विद्यार्थियों को
अपने उदय की किरणों से प्रकाशित कर महकाता है | प्रतिस्पर्धात्मक युग में स्वयं की
पहचान बनाना तभी संभव है, जब कठिन मेहनत, लगन, नियमित अध्ययन के साथ गुरुजनों का सही
मार्गदर्शन और माता-पिता का आशीर्वाद हो | एक भावी शिक्षक होने के नाते आपको जब तक
मंजिल की प्राप्ति न हो तब तक आप आगे बढ़ते चलो | हार को स्वीकारो मत, नकारात्मक ताकतों
को चुनौती दो, अतीत झुक जायेगा | आपकी अवश्य जीत होगी | हमारे स्वप्न बड़े होने चाहिये
| हमारी आकांक्षाएं ऊँची होनी चाहिये और हमारे प्रयत्न महान होने चाहिये | हमारे संकल्प
दृढ़ होने चाहिये | आपकी अवश्य जीत होगी | मुझे विश्वास है कि महर्षि दयानन्द शिक्षक
प्रशिक्षण महाविद्यालय के छात्राध्यापक, छात्राध्यापिकाएँ मेरी आशा को क्रियान्वित
करेंगे एवं अपने विद्यार्थियों से भी इसी प्रकार कि आशा रखेंगे |